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ROM क्या है? इसकी परिभाषा, प्रकार और कार्य

इस लेख में ROM क्या है और ROM के कितने प्रकार होते हैं समझाइए गए हैं। इसके अलावा ROM क्या है, ROM की परिभाषा, ROM के प्रकार, ROM के कार्य, ROM की विशेषता इत्यादि को भी बताया गया है। अगर आपको ROM की जानकारी नहीं है। तब इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें। क्योंकि इस लेख में ROM की पूरी जानकारी बताया गया है। आपने RAM और ROM का नाम जरूर सुना होगा। यह दोनो मोबाइल फोन और कंप्यूटर का जरुरी हिस्सा होता है। आपने नया कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल खरीदते वक्त इसके RAM और ROM को अवश्य देखते होंगे। ऐसा लगभग सभी लोग करते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि RAM और ROM क्या होते हैं। आपके जानकारी के लिए बता दूँ कि Operating System कंप्यूटर या मोबाइल के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। अगर यह हमारे System में ना हो। तब हमारे System का कोई अस्तित्व ही नहीं होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि Operating System और अन्य जरुरी Programs ROM में ही Store रहता है। यानी ROM कंप्यूटर का महत्वपूर्ण Device होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ROM क्या है, ROM Computer में क्या करता है। यानी Computer में ROM के उपयोग क्या होते हैं और ROM कैसे काम करता है।

अगर आप एक नया फोन या कंप्यूटर खरीदने की सोच रहे हैं। तब आपको RAM और ROM की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। क्योंकि मोबाइल फोन या कंप्यूटर को सही से कार्य करने के लिए फोन या कंप्यूटर में सही RAM और ROM का होना आवश्यक होता है। लेकिन अगर आप मोबाइल या कंप्यूटर नहीं खरीदने वाले हैं। तब भी आप इस लेख को पढ़ सकते हैं। क्योंकि यह एक तकनीकी जानकारी है और इस तकनीकी दुनिया में सभी लोगों को तकनीकी संबंधित जानकारी होनी चाहिए। ताकि कब किस जानकारी का काम आ जाए। खासकर के जो लोग अपना कैरियर कंप्यूटर के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं। उन लोगों को कंप्यूटर के इन डिवाइसेज की जानकारी रखनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि ROM क्या है?

ROM क्या है? (What is ROM in Hindi)

ROM एक प्रकार का Memory है। चूँकि Memory दो प्रकार का होता है। Primary Memory और Secondary Memory. Primary Memory तीन प्रकार का होता है। RAM, ROM और Cache Memory. इससे आपको पता चल गया होगा कि ROM भी एक Memory ही है। जो Primary Memory के अंतर्गत आता है। यह Central Processing Unit (CPU) का भाग होता है। जो कि Computer Motherboard पर स्थित एक Chip है।

इस Memory का उपयोग Computer के जरुरी Software, Program और Firmware को Store करने के लिए किया जाता है। इसमें पहले से ही या निर्माण के समय ही जरुरी Data Store कर दिए जाते हैं। क्योंकि ROM में Store Data या Program को Write नहीं किया जा सकता है। सिर्फ Read किया जाता है। यानी इसमें Store Data को सिर्फ पढ़ सकते हैं। नया Data Store नहीं कर सकते हैं। इसलिए इसमें Data को निर्माण के दौरान ही Store किए जाते हैं।

ROM Memory Non-Volatile या स्थायी प्रकार का Computer Memory है। क्योंकि इसमें Store Data Computer के बंद होते ही नष्ट नहीं होता है। जबकि RAM Memory का Data Computer बंद होने पर नष्ट हो जाता है। इसलिए ROM को स्थायी मेमोरी कहते हैं। Computer को कार्य करने के लिए यहाँ तक कि Computer को शुरू होने के लिए भी ROM का होना जरूरी होता है। क्योंकि Computer को शुरू (Booting) करने वाले जरुरी Program भी इसी में Store होते हैं। Computer के अलावा उन सभी Device में ROM का उपयोग होता है। जिस Device को Program किया जाता है। जैसे; Smartphone, Laptop, Tablet, Washing Machine, Refrigerator, Microwave Oven, Television इत्यादि।

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ROM की परिभाषा (Definition of ROM in Hindi)

जिस Memory में Computer Functionality संबंधित Data, Program और Firmware Store रहते हैं। उस Memory को ROM कहते हैं। यह एक तरह का Non-Volatile Memory है।

ध्यान दें:- ROM का पूरा नाम (Full Form in Hindi) Read Only Memory है।

अर्थात इस Memory का उपयोग Computer के जरुरी Data और Program को Store करने के लिए किया जाता है। ये Data और Program Computer को कार्य करने के लिए जरुरी होता है। अगर आपको Computer या Operating System की थोड़ी जानकारी भी होगी। तब आपको पता होगा कि Computer के लिए Operating System कितना जरूरी होता है। यह कितना जरुरी होता है आसान भाषा में बताउं तो Operating System के बिना Computer कोई कार्य नहीं कर सकता है और Operating System ROM में ही Store रहता है। इसके अलावा भी Computer के अन्य सभी Data और Program जो Computer को सुचारू रूप से कार्य कराने के लिए जरुरी होता है। वह सभी ROM Chip में ही Store रहता है। यह Non-Volatile Memory Type का Memory है। जिसका मतलब है कि इसमें Store Data और Program Computer के बंद होने के पश्चात भी नष्ट नहीं होता है।

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ROM के प्रकार (Types of ROM in Hindi)

ऊपर आपने जाना की ROM क्या है और ROM की परिभाषा क्या है। इससे आपको पता चल गया होगा कि Computer में ROM क्या होता है और यह कितना महत्वपूर्ण है। यहाँ हमने ROM के विभिन्न प्रकार के बारे में बताया है। ROM के कार्य और विशेषताओं के अनुसार मुख्य रूप से चार प्रकार में बांटा जाता है। जो कि निम्नलिखित है।

  1. MROM (Masked Read Only Memory)
  2. PROM (Programmable Read Only Memory)
  3. EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
  4. EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

चलिए ROM के प्रकार को विस्तार से जानते हैं।

1. MROM क्या है?

MROM का पूरा नाम Masked Read Only Memory होता है। इसमें Program को निर्माण के समय ही Store कर दिया जाता है। यह अन्य ROM की तुलना में सस्ता होता है। साथ ही इसमें Data Store करने की क्षमता भी अधिक होती है। लेकिन Masked Read Only Memory का इस्तेमाल आजकल नहीं होता है। इस ROM में Store Data को Erase या Modify नहीं किया जा सकता है।

2. PROM क्या है?

PROM का पूरा नाम Programmable Read Only Memory होता है। इसमें Data Write करने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है। जिसे PROM Burner कहा जाता है और Write करने को PROM Burning कहते हैं। इस ROM में Data को एक बार Store किया जाता है। जो कि हमेशा बरकरार रहता है। इसलिए इसे OTP यानी One Time Programmable Chip भी कहा जाता है। इस ROM Chip का अविष्कार 1956 में Wen Tsing Chow ने किया था। आजकल इसकी जगह EPROM को इस्तेमाल किया जाता है। चलिए जानते हैं कि EPROM क्या है?

3. EPROM क्या है?

EPROM का पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory होता है। इसमें Data Store करने के लिए Ultraviolet Light का इस्तेमाल किया जाता है। इस ROM में Store Data को मिटाया भी जा सकता है। जो कि इसके नाम से ही पता चल जाता है। इसका अविष्कार Frohman के द्वारा सन् 1971 में हुआ था। यह ROM Chip PROM से महंगा होता है। यह Non-Volatile Memory है। जिसमें दोबारा Program (Reprogram) किया जा सकता है। यानी इसे एक बार Edit भी कर सकते हैं। लेकिन Reprogram करने की गति बहुत ज्यादा धीमी होती है। यह बिजली की खपत भी बढ़ा देता है।

4. EEPROM क्या है?

EEPROM का पूरा नाम Electrically Erasable Programmable Read Only Memory होता है। इस ROM में Store Data को Electric Charger के द्वारा मिटाया जा सकता है। लेकिन यह भी एक Non-Volatile Memory है। यह अन्य ROM की तुलना में थोड़ा धीमा भी होता है। EEPROM का अविष्कार George Perlegos के द्वारा सन् 1978 में हुआ था। यह PROM और EPROM की तुलना में काफी अच्छा और महंगा होता है।

ROM के कार्य (Functions of ROM in Hindi)

ROM के कार्य निम्नलिखित है।

  • ROM का कार्य Computer को जरुरी Program उपलब्ध कराना है।
  • ROM का कार्य Computer के जरुरी Data, Program या Firmware को Store रखना होता है।
  • ROM का कार्य Booting के लिए आवश्यक Program BIOS को Store रखना है।
  • ROM ही Operating System को Store रखता है।
  • ROM का कार्य Stored Data, Program और Firmware को RAM को देना होता है। ताकि Computer कार्य कर सके।

ROM कैसे काम करता है? (ROM Work in Hindi)

अब तक हमने ROM क्या है और ROM के Types के बारे में पढ़ा है। चलिए अब जानते हैं कि ROM कैसे काम करता है। Computer एक निर्जीव जैसा कुछ ना समझने वाला बहुत सारे Components का एक हिस्सा होता है। इसलिए इसके पास कुछ ऐसा चाहिए होता है। जो इसे बता सके कि इससे अन्य Hardware जैसे; Keyboard, Mouse, Monitor, Disk Drive आदि जुड़ा हुआ। इसी कार्य के लिए Computer में एक Program होता है। जिसे BIOS (Basic Input Output System) कहते हैं।

शुरुआत में Computer इतना Smart नहीं होता है। BIOS Program ही Computer को इससे जुड़े अन्य Components की जानकारी देता है। यही BIOS, Computer को Start करने का काम भी करता है। सामान्यतः यह Program ROM Chip में ही Store रहता है। इसमें BIOS को निर्माण के समय ही Store किया जाता है। जब Computer Start किया जाता है। तब ROM से BIOS से RAM Memory में Load होता है और RAM अपना कार्य करता है उसके बाद Computer शुरू हो जाता है।

ROM में सिर्फ BIOS ही नहीं बल्कि Computer के बहुत सारे जरूरी Firmware Store रहते हैं। जिसके कारण Computer कार्य करता है। इसीलिए ROM भी Computer का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यह Computer में अपना कार्य कुछ इसी प्रकार करता है।

ROM की विशेषता (Features of ROM in Hindi)

ROM के प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है।

  • ROM एक प्रकार का Non-Volatile यानी स्थायी मेमोरी है।
  • ROM में Computer Functionality के Data Store होते हैं।
  • ROM सिर्फ Readable होता है।
  • ROM Memory CPU का भाग होता है।
  • ROM Chip RAM की तुलना में सस्ता होता है।
  • ROM Memory RAM की तुलना में धीमा होता है।
  • ROM Chip RAM की तुलना में अधिक Reliable होता है।

RAM और ROM में अंतर (RAM VS ROM in Hindi)

RAM Chip और ROM Chip दोनो को Primary Memory कहा जाता है। किंतु फिर भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं। यहाँ इन दोनो के बीच के प्रमुख Difference को बताया गया है।

  • RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है। जबकि ROM का पूरा नाम Read Only Memory होता है।
  • RAM एक प्रकार का Volatile Memory है। जिसका मतलब है कि इसमें Data Temporally Store होता है। यानी जब Computer से Power Supply बंद किया जाता है। तब इसमें Store Data Delete हो जाता है। जबकि ROM एक प्रकार का Non-Volatile Memory है। जिसका मतलब है कि इसमें Data Permanently Store होता है। यानी जब Computer से Power Supply बंद किया जाता है। तब भी ROM का Data Delete नहीं होता है।
  • RAM की Speed तेज होता है। जिसका मतलब है कि यह Data को Fast Access करता है। जबकि ROM का Speed RAM की तुलना में धीमा होता है। जिसका मतलब है कि RAM जितना Fast यह Data Access नहीं कर पाती है।
  • RAM में CPU होने वाले यानी मौजूदा कार्य के लिए Data और Program Store रहता है। जबकि ROM में जरूरी Data, Program और Firmware Store रहता है।

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Conclusion – ROM in Hindi

इस लेख में हमने ROM की पूरी जानकारी (ROM in Hindi) बताया है। जिसमें ROM क्या है, ROM के प्रकार, ROM की परिभाषा, ROM का कार्य, ROM का अर्थ, ROM की विशेषता, रोम के कितने प्रकार होते हैं, रोम कौन सी मेमोरी है, RAM और ROM में अंतर भी बताया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख से आपको ROM के बारे में कुछ नया जानने और सीखने को मिला होगा। अगर आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं। या फिर आपका कोई प्रश्न है। तब कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।

TAG:- कंप्यूटर, मोबाइल, हैकिंग

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