आज सभी काम को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। इसलिए यह कंप्यूटर का युग है। जिसमें सभी काम को कंप्यूटर से कर सकते हैं। कंप्यूटर से आज जो Internet Access करते हैं। वो Internet वाकई ही अद्भुत है। आप Social Media जैसे; Facebook, Twitter, Instagram और WhatsApp को तो जानते ही होंगे। इसे आपने Use भी किया होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि यह सब काम कैसे करता है। या फिर Google Search काम कैसे करता है।
मेरे कहने का मतलब है कि इन सभी को हमारे Device का पता कैसे होता है। जैसे; Google पर एक बार में बहुत सारे लोग कुछ ना कुछ सर्च करते हैं। इसी बीच जब हम या आप कुछ सर्च करते हैं। तब उसके Response में सर्च संबंधित Data जैसे; Text, Image और Videos आदि हमारे पास ही क्यों आता है। किसी अन्य सर्च करने वाले व्यक्ति के पास क्यों नहीं जाता या अन्य व्यक्ति के द्वारा सर्च किए गए रिजल्ट हमारे पास क्यों नहीं आता है। अब यदि ये गलती इनसे नहीं होती है।
तब इसका मतलब है कि इनके पास सर्च करने वाले Device का पता होता होगा। जिस पते के जरिए सर्च रिजल्ट को भेज देते होंगे। जिसे Device दिखाता होगा। हाँ, ऐसा ही कुछ होता है और ये सिर्फ इन कुछ Website के जरिए नहीं बल्कि सभी Website के साथ होता है। यानी सभी वेबसाइट अपने Results को सही Device पर दिखाने के लिए एक Protocol का पालन करता है। जिसे IP Address कहते हैं।
क्या आपको पता है कि IP Address क्या होता है। अगर नहीं जानते हैं। तब इस Post को जरूर पढ़ें। इस Post में IP Address की पूरी जानकारी बताया गया है। IP Address क्या होता है, जब आप यह समझ जाएंगे। तब आपको सभी Website के Results दिखाने के लिए Use होने वाले Protocol को भी समझ जाएंगे। तो फिर चलिए बिना देर किए IP Address क्या है जानते हैं।
IP Address क्या है? (What is IP Address in Hindi)
IP Address का पूरा नाम ( IP Address Full Form in Hindi) Internet Protocol Address होता है। यह किसी Device जैसे; Computer, Smartphone, Router आदि का पता होता है। जो Device को किसी Network जैसे; Internet में पहचान कराता है। एक Network में प्रत्येक Device का एक Unique IP Address होता है। जिसे ISP (Internet Service Provider) Assign करते हैं। इसे बोल चाल की भाषा में ज्यादातर IP बोला जाता है। लेकिन इसे IP पता और इंटरनेट पता जैसी नामों से भी जाना जाता है।
IP Address किसी Device के लिए Address का कार्य करता है। जो कि इसके नाम से ही पता चल जाता है। जिस तरह किसी घर, मकान, रेस्टोरेंट या किसी जगह का Address होता है। उसी तरह Device का भी Address होता है। जिसे IP Address कहते हैं। इसके जरिए किसी Device को Internet या किसी अन्य Network में Identify किया जाता है। इसके जरिए ही एक Device दुसरे Device से Communicate या Data Transfer कर सकता है।
इसी Protocol के कारण सभी Website सही Device पर Results भेज पाता है। क्योंकि Website का Data सर्वर पर Store होता है। चूँकि सर्वर भी एक प्रकार का Device (कंप्यूटर) होता है। जिसके कारण जब हम Website को कुछ दिखाने का Request भेजते हैं। तब Website का Server जो कि एक Device है। वह हमारे Device के साथ IP Address के जरिए Connection बना लेता है। जिसके कारण Results सही Device पर पहुंच पाता है।
इसी तरह सभी Website IP Address का प्रयोग करती है। गुगल भी इसी तरह Result दिखाता है।
ध्यान दें:- यहाँ Device सिर्फ उन Electronic Device को कहा जा रहा है। जो इंटरनेट या किसी नेटवर्क से जुड़ सकती है। जैसे; Computer, Smartphone, iPhone, Tablet, Laptop, SmarWatch, SmarTv, iPad इत्यादि।
IP Address का कार्य
IP Address का निम्नलिखित कार्य होते हैं। यहाँ IP Address के कार्य को विस्तार से जानेंगे।
- IP Address का कार्य नेटवर्क में पहचान कराना होता है।
- IP Address का कार्य नेटवर्क से जुड़े डिवाइस का पता होता है।
- IP Address का कार्य दो या दो से अधिक डिवाइस (जैसे; कंप्यूटर) को एक दुसरे से जोड़ना होता है।
- IP Address का कार्य दो या दो से अधिक कंप्यूटर को आपस में कम्युनिकेट करवाना होता है।
- IP Address का कार्य Data Transfer करने के लिए Destination ज्ञात करना होता है।
IP Address का प्रकार
नेटवर्क में पहचान के लिए IP Address का उपयोग किया जाता है। IP Address के उपयोग के अनुसार इसे दो प्रकार में बांटा जा सकता है। IP Address के प्रत्येक प्रकार का कार्य भी अलग अलग होता है।
1. Private IP Address
जिस IP Address को किसी Private Network में उपयोग किया जाता है। उसे Private IP Address कहते हैं। इसका उपयोग Privately होता है। इसे दो या दो अधिक Device को एक दुसरे से जोड़ने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण Office में कार्य कर रहे कंप्यूटर्स हैं। ये कंप्यूटर्स आपस में जुड़े होता है। जिससे एक नेटवर्क का निर्माण होता है। यह नेटवर्क एक Private नेटवर्क होता है। इसलिए इस नेटवर्क में Private IP Address के जरिए कंप्यूटर्स की पहचान होता है। इसे Local IP Address भी बोला जाता है।
2. Public IP Address
Public नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले IP Address को Public IP Address कहते हैं। इसका इस्तेमाल Publicly होता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण इंटरनेट है। इंटरनेट एक प्रकार का Public नेटवर्क है। इससे कोई भी जुड़ सकता है। इसलिए यहाँ Public IP Address के जरिए कंप्यूटर्स की पहचान होता है।
-प्रत्येक Public IP Address और Private IP Address, Static और Dynamic IP Address हो सकते हैं।
1. Static IP Address
Static IP Address को ISP (Internet Service Provider) द्वारा किसी Server Access करने के लिए खरीदा जाता है। जिसे हम बदल नहीं सकते हैं।
2. Dynamic IP Address
Dynamic IP Address इंटरनेट Connection पर आधारित होता है। जिसे हम बदल सकते हैं। जैसे ही कोई Device इंटरनेट से Reconnect होता है। तभी उस Device का Dynamic IP Address बदल जाता है।
IP Address के संस्करण
वर्तमान समय में दो IP Address का उपयोग किया जा रहा है। IPv4 और IPv6। इसे IP Address का संस्करण कहा जाता है। सबसे पहले IPv4 को 1983 में Arpanet के द्वारा विकसित किया गया था। लेकिन IP Address के IPv4 संस्करण में लगभग 4 Billions ही Address Store कर हैं। जिसके कारण आज IP Address की कमी आ गई है। क्योंकि आज प्रत्येक Device को Unique IP Address देने में IPv4 सक्षम नहीं था। इसी वजह से IP Address के IPv6 संस्करण लाया गया था। जो बहुत सारे IP Address को Store करने में सक्षम था।
1. IPv4
IPv4 1983 में विकसित IP Address का पहला संस्करण है। यह 32 Bit का होता है। IPv4 Numerical होते हैं। जो कुछ 173.18.214.1 की तरह दिखता है। इसे दशमलव चार भागों में बांटता है। इसके प्रत्येक भाग का संख्या 0 से 255 तक हो सकता है। जिसका प्रत्येक भाग 8 Bit का होता है। इसमें 4 Billions के आसपास Address Store कर सकते हैं।
2. IPv6
IPv6 IP Address का दुसरा संस्करण है। जिसे 1994 में शुरू किया गया था। इसे Internet Protocol Next Generation (IPNG) भी कहा जाता है। यह 128 Bit का होता है। इसे Hexadecimal में लिखा जाता है। जो कुछ 2409:4064:2481:19fc::2765:68a1 की तरह होता है। जिसे Collons से अलग अलग किया जाता है। IPv6 में Undecillion Address Store किया जा सकता है। जो कि बहुत ज्यादा पर्याप्त है।
IP Address का प्रारूप

IP Address दो तरह का होता है। जिसे ऊपर इमेज में दिखाया गया है। पहला IPv4 IP Address है और दुसरे IP Address को IPv6 कहते हैं। IPv4 32 Bit Binary Digits से बनता है। जो 203.0.113.42 की तरह दिखता है। वहीं IPv6 128 Bit का होता है। जो 2001:0002:14:5:1:2:bf35:2510 की तरह दिखता है।
IP Address कैसे पता करे?
इंटरनेट से जुड़े हर एक Device का एक Unique IP Address होता है। आपके हाथ में जो Device है। उसका भी Unique IP Address है। जब भी कोई Device इंटरनेट से जुड़ता है। तब उसे एक Unique IP Address प्राप्त होता है। ऐसा सिर्फ इंटरनेट से जुड़ते वक्त ही नहीं बल्कि किसी भी नेटवर्क से जुड़ने पर होता है। इसलिए यदि आपका Device इंटरनेट से जुड़ा है। तब आपके Device का भी IP Address है।
अपने IP Address को देखा भी जा सकता है। एक Device के IP Address से बहुत सारी जानकारी प्राप्त किया जा सकता है। अगर आप भी अपने किसी Device का IP Address देखना चाहते हैं। तब यहाँ आपके लिए ही बताया गया है कि कैसे IP Address पता कर सकते हैं।
वैसे तो IP Address को मुख्यतः 4 तरह से पता किया जा सकता है।
- Device के Setting से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- Device के Command Prompt (CMD) से IP Address प्राप्त कर सकते हैं।
- Google से पता किया जा सकता है।
- IP Checkers Website के जरिए Device का IP Address Check कर सकते है।
तो ऊपर हमने वो सभी तरीके बताये हैं। जिससे आप अपने Website का IP Address आसानी से देख सकते हैं। लेकिन इन सभी तरीकों में Google या Website से IP Address पता करना सबसे आसान है। इससे एक समान्य व्यक्ति भी अपने Device का IP पता कर सकता है। इसलिए यहाँ हम इन्हीं तरीको को बताने वाले हैं।
– Google पर IP Address देखने के लिए नीचे के स्टेप्स को फॉलो करना होगा।
Step#1:- जिस Device का IP Address पता करना हो या फिर देखना है। उस Device में Google को Open करें।
Step#2:- Google में What is My iP सर्च करें। इतना सर्च करने बाद Google आपका iP Address दिखा देता है।
इसके अलावा किसी Website के जरिए भी IP Address देखना बहुत आसान है। ऐसे बहुत सारे Website है। जो IP Address दिखाती है। जैसे; Whatismyipaddrese.com
IP Address कैसे बदलें?
जैसा कि IP Address से बहुत सारे Data प्राप्त किया जा सकता है। जैसे आप किस Device का उपयोग कर रहे हैं। आप कौन से Internet Service Provider का Service Use कर रहे हैं। आपका Location और भी बहुत कुछ। ये सभी जानकारी कोई भी दूर बैठे देख सकता है। बस उसे आपका IP Address चाहिए। चूँकि हम IP Address हटा या बंद नहीं कर सकते हैं। लेकिन हमारा जानकारी किसी के पास ना जाए। खासकर के हमारा Location इसके लिए हम IP Address बदल सकते हैं।
वैसे तो जब हम Internet से Reconnect होते है। तब यह Automatic बदल जाता है। यानी अगर अभी हमारे Device का जो IP Address है। उसे बदलने के लिए Device को Flight Mode कर के फिर से देखने पर यह बदला हुआ होता है। लेकिन बदलने के बाद जो IP Address मिलता है। उसके जरिए भी आपके Device का Information Collect किया जा सकता है। लेकिन एक तकनीक का उपयोग कर इसे बदलकर अपने Location को बदल सकते हैं।
यानी हम रहेंगे India में लेकिन कोई IP Address के जरिए हमारा Location देखेगा तो कहीं और दिखाएगा। Check करने पर Location कहाँ दिखाएगा यह भी Set कर सकते हैं। जिस तकनीक के जरिए ये सब कर सकते हैं। उसे Virtual Private Network (VPN) कहते हैं। VPN क्या होता है और इसके जरिए अपने IP Address को कैसे छुपाए जानने के लिए इस लेख को पढ़ें: VPN क्या है? IP Address छुपाने के और भी बहुत सारे फायदे हैं। यानी VPN एक अच्छा तकनीक है। पूरी जानकारी के लिए लेख पढ़ें।
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आपने क्या सीखा?
इस Post में हमने IP Address की पूरी जानकारी दिया है। जिसमें आपने जाना कि IP Address क्या है, IP Address के प्रकार, IP Address के संस्करण, IP Address Address कैसे पता कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह Post आपको पसंद भी आया होगा और कुछ नया सीखने को भी मिला होगा।