अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे। इनका पूरा नाम डॉ० अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था। इन्हें भारत के रत्न, मिसाइल मैन आदि नामों से भी जाना जाता है।
ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टुबर 1931 को धनुषकोडी गॉव(रामेश्वरम, तमिलनाडु) के एक मध्मवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन तथा माता का नाम अशिअम्मा था।
अब्दुल कलाम के पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे और न ही पैसे वाले थे। किन्तु उनके लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम को बहुत काम आए। अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे।
अब्दुल कलाम पाँच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की। इन्होंने पक्षियों को देखकर तय कर लिया था कि भविष्य में उन्हें विमान विज्ञान में ही जाना है।
अब्दुल कलाम अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार वितरित करने का कार्य भी किया था। इन्होंने 1950 में मद्रास इस्टीच्युट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।
मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में वैज्ञानिक के तौर पर भर्ती हुए।
अब्दुल कलाम ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकाप्टर का डिजाईन बना कर किया। अब्दुल कलाम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में अपने काम से उन्हें संतुष्टि नहीं थे।
कलाम पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी थे। इसी दौरान उन्हें प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ काम करने का अवसर मिला।
वर्ष 1969 में उनका स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में हुआ। यहाँ वो भारत के सेटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किये गए थे।
इसी परियोजना की सफलता के परिणामस्वरूप भारत का प्रथम उपग्रह ‘रोहिणी’ पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया।
इसरो में शामिल होना कलाम के कैरियर का सबसे अहम मोड़ था। जब उन्होंने सैटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना पर कार्य आरम्भ किया था। तब उन्हें लगा जैसे वो वही कार्य कर रहे हैं। जिसमे उनका मन लगता है।
अब्दुल कलाम भारतीय जनता पार्टी समर्थित एन॰डी॰ए॰ घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समर्थन किया।
18 जुलाई 2002 को अब्दुल कलाम को 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई थी।
अब्दुल कलाम ने अपने विचारों को चार पुस्तकों में समाहित किया है। जो इस प्रकार हैं इंडिया 2020 ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम, माई जर्नी तथा इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया।
इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इस प्रकार यह भारत के एक विशिष्ट वैज्ञानिक थे। जिन्हें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी थी।
देश और समाज के लिए किये गए उनके कार्यों के लिए अब्दुल कलाम को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। लगभग 40 विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी और भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया।
- विज्ञान क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए इन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से समान्नित किया गया.
- रक्षा अनुसन्धान क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें 1997 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया
- वर्ष 1998 में राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गाँधी अवार्ड मिला
- वर्ष 1998 में Abdul Kalam जी को Royal Society, UK द्वारा King में Kalam जी को Royal Society, UK द्वारा King Charles II मैडल से सम्मानित किया गया
- Abdul Kalam जी को विश्वभर की 40 विश्वविद्यालयो से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल है.
- वर्ष 2011 में Abdul Kalam जी को IEEE द्वारा IEEE Honorary Membership में सम्मानित किया गया.
27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिल्लोंग में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चहेते डॉ अब्दुल कलाम परलोक सिधार गए।